कृषि प्रधान भारत की प्रधान आवश्यकता है , कृषि का समुचित विकास हो |

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कृषि प्रधान भारत की प्रधान आवश्यकता है , कृषि का समुचित विकास हो |

 इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए यह अनिवार्य है कि कृषि कि मूलधारा बीज कों उत्तम प्रकार , उन्नत बीजो का विस्तार सुदूर गावो तक किया जायेगा | कृषि विकास केवल सिद्धांतों का तथा नवीन पद्धतियों कि जानकारी मात्र देने से संभव नहीं वरन भोतिक प्रयोगों और उत्पादन द्वारा उत्तम एवं उन्नत बीजो का कृषक तक पहुचाना अनिवार्य है | हमारा विशवास है कि आधुनिकतम अनुसंधानों और नवीनतम खोज उन्नत विकसित पद्दति से उत्पादित बीजो का जितना अधिक प्रचार प्रसार होगा उतने ही अनुपात में भारतीय कृषि की उन्नति होगी | इसी के साथ नवीनतम खोज कि जानकारी प्रत्येक कृषक तक पहुचाई जायेगी तो कृषको कों प्रेरणा मिलेगी और उन्नत कृषि के लिए राजमार्ग प्रशस्त होगा |